
दोस्ती अउ मया के कोनो मेल नइहे।
अनमोल हवय ये जिनगी कोनो खेल नइहे।।
सोंच समझ के मया करव संगी हो।
मया म दिल टुट जाथे त मया कस दुनिया मा कोनो जेल नइहे।।
दोस्ती करके मायारु ला भुरिया लेथे।
बने अकन मया ला अपन बर जुरिया लेथे।।
का कहंव संगवारी ये दुनिया के ढंग ला।
जोंक कस चुहक के अघा जाथे अउ अपन आप ले दुरिहा देथे।
बहुत अच्छा भईया
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