Saturday, February 2, 2019

मोर खरतरिहा किसान

*मोर खरतरिहा किसान*

मोर खरतरिहा किसान, ये भुइँया के भगवान!!
कतका करँव मँय बखान, तोर महीमा हे महान!!

भइया फाँदे नागर अउ गाड़ा, भउजी सुखोए धान!!
ओरछा छाँव मा बइठ के सास, बहु मनला बताए ज्ञान!!
उसो उसो गोहर पारय, कुकरी खावय धान!!
मोर खरतरिहा...........

पहिरे बर कपड़ा कपसा उगाए, खाय बर उगाए धान!!
आनी बानी के फर फरेरी, बर लगाए बगान!!
जिये बर जिनगी सब जीनीस उगाए रोटी कपड़ा मकान!!
मोर खरतरिहा.............

देश के रक्षा करे बर तँयहा, बेटा ला बनाए जवान!!
बिरले होही अमीर के बेटा बनत होही जी जवान!!
बेटा करे जी देश के रक्षा पालन पोषन करे किसान!!
मोर खरतरिहा..............

गाँव मा सुग्घर खुशहाली आये, लहलहावय धान!!
तरिया डबरी भरे लबालब मुस्कावय किसान!!
प्रकृति सजे सँवरे सुग्घर धरती लागय सरग समान!!
मोर खरतरिहा............

अनिल सलाम

No comments:

Post a Comment